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देश के एक आदमी को गिनने में कितना खर्च? सरकार ने जनगणना के लिए पास किया बजट

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Posted On:Saturday, December 13, 2025

भारत में अगले साल यानी 2027 में जनगणना की प्रक्रिया शुरू होने वाली है, जिसके लिए केंद्र सरकार ने भारी-भरकम बजट आवंटित कर दिया है। सरकार ने ₹11,718.24 करोड़ से अधिक का बजट पास किया है, जिसे केंद्रीय गृहमंत्री ने "विश्व का सबसे बड़ा प्रशासनिक और सांख्यिकीय अभ्यास" बताया है।

आंकड़ों के अनुसार, देश की मौजूदा पॉपुलेशन लगभग 147 करोड़ के करीब है। ऐसे में यह सवाल उठता है कि देश की सरकार एक व्यक्ति को गिनने पर अनुमानित तौर पर कितना खर्च करेगी?

प्रति व्यक्ति गिनती का अनुमानित खर्च

सरकार ने जनगणना 2027 के लिए कुल ₹11,718.24 करोड़ की राशि स्वीकृत की है। यदि हम वर्ल्डोमीटर के मौजूदा अनुमानित जनसंख्या (लगभग 147 करोड़) को आधार मानें, तो प्रति व्यक्ति गिनती का अनुमानित खर्च (Estimate) इस प्रकार होगा:

$$\text{प्रति व्यक्ति अनुमानित खर्च} = \frac{\text{कुल स्वीकृत बजट}}{\text{अनुमानित जनसंख्या}}$$
$$\text{प्रति व्यक्ति अनुमानित खर्च} = \frac{11,718.24 \text{ करोड़}}{147 \text{ करोड़}} \approx ₹79.71$$

इस अनुमान के अनुसार, देश की सरकार एक व्यक्ति को गिनने में करीब ₹80 खर्च कर सकती है। हालांकि, यह आंकड़ा जनगणना के समय जनसंख्या में होने वाली वास्तविक वृद्धि के कारण बदल सकता है।

जनगणना 2027: दो चरणों में होगा कार्य

यह जनगणना देश की 16वीं और स्वतंत्रता के बाद की 8वीं जनगणना होगी। सरकार की योजना के अनुसार, दस-वर्षीय यह विशाल अभ्यास दो मुख्य चरणों में संपन्न किया जाएगा:

  1. पहला चरण (मकानों की सूची और आवास जनगणना): यह अप्रैल से सितंबर 2026 के बीच आयोजित किया जाएगा।

  2. दूसरा चरण (जनसंख्या गणना): यह फरवरी 2027 में निर्धारित है।

    अपवाद: लद्दाख, जम्मू और कश्मीर के कुछ हिस्सों, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड सहित बर्फ से ढके क्षेत्रों में जनसंख्या गणना प्रतिकूल मौसम की स्थिति के कारण सितंबर 2026 में पहले ही कर ली जाएगी।

पहली डिजिटल जनगणना और तकनीकी बदलाव

जनगणना 2027 भारत की पहली डिजिटल जनगणना होगी। इस व्यापक पैमाने और तकनीकी बदलाव पर प्रकाश डालते हुए, सरकार ने निम्नलिखित तकनीकी उपकरणों को शामिल किया है:

  • मोबाइल एप्लिकेशन: एंड्रॉइड और आईओएस दोनों प्लेटफॉर्म के अनुकूल मोबाइल एप्लिकेशन का उपयोग करके डेटा एकत्र किया जाएगा।

  • सेंट्रल सेन्सस मैनेजमेंट और मॉनेटरिंग सिस्टम (CMMS) पोर्टल: पूरे प्रोसेस को रियल टाइम में प्रबंधित और मॉनिटर करने के लिए विकसित किया गया है।

  • हाउसलिस्टिंग ब्लॉक (HLB) क्रिएटर वेब मैप एप्लीकेशन: बेहतर योजना और पर्यवेक्षण के लिए प्रभार अधिकारियों द्वारा इसका उपयोग किया जाएगा।

30 लाख फील्ड कर्मचारी और जाति गणना

इस विशाल कार्य को पूरा करने के लिए, लगभग 30 लाख फील्ड कर्मचारियों को तैनात किया जाएगा, जिनमें जनगणनाकर्मी, पर्यवेक्षक और मास्टर ट्रेनर शामिल होंगे। अधिकांश जनगणनाकर्मी राज्य सरकारों द्वारा नियुक्त सरकारी शिक्षक होंगे, जिन्हें उनके नियमित जिम्मेदारियों के अतिरिक्त जनगणना कार्य के लिए मानदेय दिया जाएगा।

सबसे महत्वपूर्ण बदलाव यह है कि, 30 अप्रैल, 2025 को कैबिनेट की राजनीतिक मामलों की समिति द्वारा लिए गए निर्णय के अनुसार, जनगणना 2027 में जाति गणना भी शामिल होगी। जनसंख्या गणना चरण के दौरान जाति संबंधी आंकड़े इलेक्ट्रॉनिक रूप से एकत्र किए जाएंगे।


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