दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने संगठित अपराध के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए, कुख्यात अपराधी लॉरेंस बिश्नोई, आरजू, और हैरी बॉक्सर गैंग से जुड़े पांच शातिर शूटरों को गिरफ्तार किया है। इन गिरफ्तारियों से 1 दिसंबर को चंडीगढ़ में हुई इंद्रप्रीत पैरी की हत्या के मामले में भी सफलता मिली है, क्योंकि पकड़े गए शूटरों में से दो सीधे तौर पर इस हत्याकांड में शामिल थे।
शूटरों की गिरफ्तारी
गिरफ्तार किए गए पांच शूटरों की पहचान अंकुश, पीयूष पिपलानी, कुंवर बीर, लवप्रीत और कपिल खत्री के रूप में हुई है।
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चंडीगढ़ हत्याकांड में भूमिका: पुलिस के अनुसार, 1 दिसंबर को जब पैरी की हत्या की गई थी, तो शूटर अंकुश और पीयूष पिपलानी घटनास्थल पर मौजूद थे। इन्हें यह आदेश हैरी बॉक्सर और आरजू की तरफ से मिला था। पीयूष पिपलानी इस हत्याकांड में मुख्य शूटर था।
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पहला ट्रैप: पीयूष पिपलानी की तलाश में पंजाब पुलिस लगातार छापेमारी कर रही थी। इसी बीच, दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल को सूचना मिली कि कुंवर बीर अपने साथियों के साथ शांति वन पर आने वाला है। पुलिस ने जाल बिछाकर कुंवर बीर, उसके साथी लवप्रीत और कपिल खत्री को गिरफ्तार कर लिया।
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दूसरे शूटर की गिरफ्तारी: कुंवर बीर से पूछताछ के दौरान पुलिस को मुख्य शूटर पीयूष पिपलानी और उसके साथी अंकुश के बारे में जानकारी मिली। इसके तीन घंटे बाद ही, पुलिस ने दोनों को सराय काले खां इलाके से रात लगभग 8 बजे गिरफ्तार कर लिया।
गैंग नेटवर्क और मकसद
ये पांचों शूटर लॉरेंस बिश्नोई, आरजू और हैरी बॉक्सर के लिए काम करते थे।
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नेटवर्क से जुड़ना: पीयूष और अंकुश पहले जोगेंद्र के गैंग में सक्रिय थे, लेकिन बाद में वे हैरी बॉक्सर के संपर्क में आए और उनके नेटवर्क के लिए काम करने लगे। ये दोनों करीबी दोस्त हैं और पिछले पाँच महीनों में तीन हत्याओं में शामिल रहे हैं।
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दिल्ली में वर्चस्व: दिल्ली पुलिस के मुताबिक, आरजू और हैरी बॉक्सर की तरफ से दो महीने पहले जबरन उगाही और वर्चस्व स्थापित करने के लिए दिल्ली में कई लोगों को धमकी दी गई थी। इन शूटरों का दिल्ली आना साफ संकेत था कि वे यहाँ पैर जमाने और बड़ी वारदातों को अंजाम देने की फिराक में थे।
पाँच महीने में तीन कत्ल
गिरफ्तार किए गए शूटरों का नाम कम से कम तीन बड़ी हत्याओं में सामने आया है:
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1 दिसंबर: चंडीगढ़ में इंद्रप्रीत सिंह उर्फ पैरी की हत्या।
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5 जून: पिंजौर, पंचकूला में कब्बडी खिलाड़ी सोनू नोलता की हत्या।
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1 सितंबर: अमृतसर में रेस्टोरेंट मालिक आशु महाजन की हत्या।
ज्यादातर हत्याओं के पीछे की मुख्य वजह वर्चस्व की लड़ाई के साथ-साथ जबरन उगाही भी है। पुलिस को पकड़े गए शूटर्स के पास से हथियार और जिंदा कारतूस भी मिले हैं। दिल्ली पुलिस की इस त्वरित कार्रवाई ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में एक बड़े आपराधिक नेटवर्क को ध्वस्त करने में सफलता प्राप्त की है।