उत्तर प्रदेश विधानमंडल का शीतकालीन सत्र आज से शुरू हो रहा है, जो 24 दिसंबर तक चलेगा। मात्र पांच दिनों का यह संक्षिप्त सत्र राजनीतिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि यह 2027 के विधानसभा चुनावों से पहले अपनी बात रखने का सत्ता पक्ष और विपक्ष के लिए एक बड़ा मंच है। सरकार इस दौरान अपना पहला अनुपूरक बजट और कई अहम विधेयक पेश करेगी, वहीं विपक्ष ने सरकार को घेरने के लिए कमर कस ली है।
सदन का विधायी एजेंडा
इस पांच दिवसीय सत्र में योगी सरकार का मुख्य ध्यान विधायी कार्यों को पूरा करने पर है। सरकार कुल 8 अध्यादेशों को कानून का रूप देने के लिए विधेयक पेश करेगी। इसके अलावा, राज्य के विकास कार्यों के लिए अनुपूरक बजट लाया जाएगा, जिसमें कुंभ और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए अतिरिक्त फंड का प्रावधान हो सकता है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सत्र की शुरुआत से पहले कहा कि सरकार हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है। उन्होंने सदस्यों से अपील की कि वे सदन की गरिमा बनाए रखें और सार्थक बहस के माध्यम से जनता की समस्याओं को उठाएं।
विपक्ष के तेवर: तस्करी और SIR पर रार
सत्र के पहले दिन से ही सदन में भारी हंगामे के आसार हैं। समाजवादी पार्टी (सपा) और अन्य विपक्षी दलों ने दो प्रमुख मुद्दों को ढाल बनाया है:
1. कफ सिरप तस्करी का 'महा-रैकेट'
यूपी एसटीएफ और ईडी द्वारा हाल ही में कोडीन युक्त कफ सिरप की बड़े पैमाने पर तस्करी के सिंडिकेट का भंडाफोड़ किया गया है। विपक्ष का आरोप है कि हजारों करोड़ का यह काला कारोबार सत्ता के संरक्षण के बिना संभव नहीं है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इसे 'ड्रग माफिया राज' करार देते हुए सदन में सरकार से जवाब मांगने का ऐलान किया है।
2. मतदाता सूची पुनरीक्षण (SIR) का विवाद
मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) अभियान को लेकर सत्ता और विपक्ष के बीच जुबानी जंग तेज है।
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सरकार का पक्ष: मुख्यमंत्री योगी के अनुसार, यह सूची को पारदर्शी बनाने और अवैध घुसपैठियों के नाम हटाने की प्रक्रिया है। उन्होंने दावा किया कि इस प्रक्रिया में करोड़ों फर्जी नाम हटाए गए हैं।
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विपक्ष का पक्ष: अखिलेश यादव ने इसे 'वोट काटने की साजिश' और 'छद्म NRC' बताया है। विपक्ष का आरोप है कि PDA (पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक) मतदाताओं को जानबूझकर निशाना बनाया जा रहा है ताकि आगामी चुनावों को प्रभावित किया जा सके।
बैठक और सुरक्षा व्यवस्था
सत्र के सुचारू संचालन के लिए विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने सर्वदलीय बैठक की। इसमें नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय और अन्य दलों के नेताओं ने सदन को मर्यादा के साथ चलाने का भरोसा दिया। हालांकि, राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि मुद्दों की संवेदनशीलता को देखते हुए शालीनता बनाए रखना एक चुनौती होगी।
विधान भवन की सुरक्षा के लिए लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट ने कड़े इंतजाम किए हैं। चप्पे-चप्पे पर सीसीटीवी और ड्रोन से निगरानी रखी जा रही है। विधान भवन के आसपास यातायात को भी डायवर्ट किया गया है ताकि सदन की कार्यवाही में कोई बाधा न आए।