डिजिटल युग में सूचनाओं का प्रसार जितनी तेजी से होता है, उतनी ही तेजी से फेक न्यूज भी आकार ले रही है। सोशल मीडिया, व्हाट्सएप और अन्य डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर गलत संदेशों का फैलना अब सामान्य बात बन चुकी है, लेकिन इसका प्रभाव समाज और राजनीति पर गंभीर रूप से पड़ रहा है। इसी कड़ी में दिल्ली से बीजेपी सांसद और मशहूर गायक मनोज तिवारी का नाम हाल ही में एक फर्जी बयान के साथ जोड़ दिया गया, जिसे लेकर उन्होंने कड़ी नाराजगी जताई है।
डॉलर-रुपये को लेकर मनोज तिवारी के नाम से एक कथित बयान वायरल हुआ, जिसमें कहा गया था—“हम जेब में रुपया लेकर घूमते हैं, हमें डॉलर से क्या लेना-देना. डॉलर महंगा हुआ या सस्ता, इसका हमारे देश पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता। इस बयान को कई सोशल मीडिया चैनलों और व्हाट्सएप ग्रुप्स में बड़े पैमाने पर साझा किया गया। तिवारी के अनुसार यह बयान पूरी तरह मनगढ़ंत है और इसे बिना सत्यापन के फैलाया गया।
मनगढ़ंत बयान पर तिवारी की कड़ी प्रतिक्रिया
मनोज तिवारी ने बताया कि उनके करीबी दोस्तों और सहयोगियों ने जब यह वायरल संदेश उन्हें भेजा, तब वे हैरान रह गए। उनका कहना था कि उन्होंने ऐसा कोई बयान न कभी दिया है और न भविष्य में दे सकते हैं। तिवारी ने स्पष्ट किया कि सोशल मीडिया पर फैलाया जा रहा यह संदेश उनकी छवि को प्रभावित करने की कोशिश है।
उन्होंने यह भी कहा,
“बयान बदलकर लोगों को गुमराह किया जाता है और इसे फेक न्यूज का नाम दिया जाता है। यह लोकतंत्र के लिए बेहद खतरनाक स्थिति है।”
“डिजिटल लेनदेन को प्रोत्साहित करता हूं, नकदी ढोने की नहीं” – तिवारी
फर्जी वायरल संदेश से इतर मनोज तिवारी ने कहा कि वे हमेशा से डिजिटल भुगतान के समर्थक रहे हैं। वे समय-समय पर लोगों से डिजिटल ट्रांजेक्शन, यूपीआई भुगतान और बैंकिंग माध्यमों को अपनाने की अपील करते हैं।
उन्होंने कहा,
“मैं तो खुद कहता हूं कि यह डिजिटल युग है, रोज जेब में नकद रखने की जरूरत नहीं। जितना संभव हो डिजिटल भुगतान करें।”
तिवारी का कहना है कि इस बयान को उलट कर पेश किया गया और सोशल मीडिया पर शेयर करके इसे वास्तविक रूप में प्रसारित किया गया, जो भ्रामक और जानबूझकर किया गया कदम था।
फेक न्यूज पर सख्ती का संकेत
मनोज तिवारी ने यह भी चेतावनी दी कि उनके नाम से गलत खबर फैलाने वालों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि जिन प्लेटफॉर्म्स, हैंडल्स या डिजिटल न्यूज़ चैनलों ने इस फर्जी जानकारी को साझा किया है, उन सभी को जल्द ही कानूनी नोटिस भेजा जाएगा।
उन्होंने इसे उनकी प्रतिष्ठा धूमिल करने की सोची-समझी कोशिश बताया।
बिना सत्यापन के प्रसार: लोकतंत्र के लिए खतरा
तिवारी ने मीडिया और डिजिटल उपभोक्ताओं दोनों से अपील की कि किसी भी खबर को बिना जांचे साझा न करें। उन्होंने कहा कि आज गलत सूचना लोकतंत्र, समाज और नागरिक विश्वास—तीनों के लिए खतरा बन चुकी है। फेक न्यूज न केवल नेताओं और सार्वजनिक व्यक्तियों की छवि खराब करती है, बल्कि आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक भ्रम भी पैदा करती है।