19 मार्च 2025 को चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि है। इस तिथि पर विशाखा नक्षत्र और हर्षण योग का संयोग रहेगा। दिन के शुभ मुहूर्त की बात करें तो बुधवार को कोई शुभ मुहूर्त नहीं रहेगा। राहुकाल 12:28 से 13:58 मिनट तक है। चन्द्रमा तुला राशि में गोचर करेगा।
 
	
		
			| तिथि | 
			पंचमी | 
			24:36 तक | 
		
		
			| नक्षत्र | 
			विशाखा | 
			20:42 तक | 
		
		
			| प्रथम करण | 
			कौवाला | 
			11:24 तक | 
		
		
			| द्वितीय करण  | 
			तैतिल | 
			24:36 तक | 
		
		
			| पक्ष | 
			कृष्ण | 
			  | 
		
		
			| वार | 
			बुधवार | 
			  | 
		
		
			| योग | 
			हरषाना | 
			17:31 तक | 
		
		
			| सूर्योदय | 
			06:29 | 
			  | 
		
		
			| सूर्यास्त | 
			18:27 | 
			  | 
		
		
			| चंद्रमा   | 
			तुला | 
			  | 
		
		
			| राहुकाल | 
			12:28 − 13:58 | 
			  | 
		
		
			| विक्रमी संवत् | 
			2081  | 
			  | 
		
		
			| शक संवत | 
			1946  | 
			  | 
		
		
			| मास | 
			चैत्र | 
			  | 
		
		
			| शुभ मुहूर्त | 
			अभिजीत | 
			कोई नहीं | 
		
	
तिथि
हिन्दू काल गणना के अनुसार 'चन्द्र रेखांक' को 'सूर्य रेखांक' से 12 अंश ऊपर जाने के लिए जो समय लगता है, वह तिथि कहलाती है। एक माह में तीस तिथियां होती हैं और ये तिथियां दो पक्षों में विभाजित होती हैं। शुक्ल पक्ष की आखिरी तिथि को पूर्णिमा और कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि अमावस्या कहलाती है।
तिथि के नाम- प्रतिपदा, द्वितीया, तृतीया, चतुर्थी, पंचमी, षष्ठी, सप्तमी, अष्टमी, नवमी, दशमी, एकादशी, द्वादशी, त्रयोदशी, चतुर्दशी, अमावस्या/पूर्णिमा।