सोशल मीडिया पर इन दिनों एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें अभिनेता शाहरुख खान एक जननायक की कहानी सुनाते नजर आ रहे हैं। इस वीडियो में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के विज़ुअल्स जोड़कर दावा किया जा रहा है कि शाहरुख ने ये बातें राहुल गांधी के लिए कही हैं। कांग्रेस समर्थक भी इसे प्रचारित कर रहे हैं। लेकिन, जब इस वायरल क्लिप की फैक्ट चेकिंग की गई, तो सामने आया कि यह दावा पूरी तरह फर्जी है।
 क्या है वायरल वीडियो में?
इस वीडियो में शाहरुख खान को यह कहते सुना जा सकता है:
"...एक ऐसे जननायक की, जिसे विरासत की रोशनी नहीं, तन्हाइयों की विरासत मिली। लेकिन उसकी रगों में बहता था उसका जुनून और उसी जुनून से उसने जमीन से उठकर आसमान को छुआ। जमीन पर तो कई बादशाह हुकूमत करते हैं, पर उसने राज किया सभी के दिलों पर। हालात की आंधियों से उठा... एक सच्चा राजा! ये कहानी है राहुल गांधी की।"
वीडियो में राहुल गांधी की रैलियों, यात्राओं और भाषणों की क्लिप भी जोड़ दी गई हैं, जिससे यह प्रतीत होता है कि शाहरुख गांधी की तारीफ कर रहे हैं।
 क्या है सच?
पीटीआई फैक्ट चेक और अन्य स्वतंत्र मीडिया संस्थानों द्वारा की गई जांच में यह बात सामने आई कि यह वीडियो पूरी तरह से एडिटेड और मॉर्फ्ड है।
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	इस वीडियो का मूल स्रोत डिज्नी की फिल्म 'मुफासा: द लॉयन किंग' है, जिसका हिंदी वर्जन शाहरुख खान ने डब किया था। 
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	शाहरुख इस फिल्म में मुफासा नाम के किरदार की आवाज दे रहे थे, जो एक शेर है और 'प्राइड लैंड्स' का राजा होता है। 
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	मूल वीडियो में किसी राजनीतिक व्यक्ति या राहुल गांधी का कोई जिक्र नहीं है। 
 कैसे हुई छेड़छाड़?
जांच में पता चला कि:
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	वायरल वीडियो के कुछ हिस्सों में वॉइस क्लोनिंग तकनीक का इस्तेमाल करके शाहरुख खान की नकली आवाज बनाई गई। 
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	इसके साथ ही राहुल गांधी के विजुअल्स जोड़कर इसे जानबूझकर भ्रामक तरीके से प्रस्तुत किया गया। 
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	शुरुआत में “एक जननायक की कथा” और अंत में “ये कहानी है राहुल गांधी की” जैसी पंक्तियाँ असली ऑडियो में नहीं हैं। 
असली वीडियो कहां मिला?
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	हमें 27 नवंबर 2024 को वॉल्ट डिज़्नी स्टूडियोज़ इंडिया के यूट्यूब चैनल पर अपलोड किया गया वही वीडियो मिला। 
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	इसमें शाहरुख खान, मुफासा के संघर्ष और विरासत के बारे में बात कर रहे हैं — ना कि किसी राजनीतिक शख्सियत की। 
 निष्कर्ष
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	शाहरुख खान ने कभी भी राहुल गांधी की तारीफ नहीं की है जैसा कि वायरल वीडियो में दावा किया जा रहा है। 
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	वीडियो में इस्तेमाल की गई ऑडियो नकली है और इसे वॉइस क्लोनिंग से तैयार किया गया है। 
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	असल में यह एक एनीमेशन फिल्म के प्रचार से जुड़ा वीडियो था, जिसे भ्रामक तरीके से राजनीतिक रंग दिया गया। 
 सलाह:
सोशल मीडिया पर किसी भी वीडियो या दावे पर आंख मूंदकर भरोसा न करें। शेयर करने से पहले उसकी सत्यता की जांच जरूर करें। फैक्ट चेकिंग की यह आदत आपको भ्रामक सूचनाओं से बचा सकती है।