आज के समय में म्यूचुअल फंड में निवेश को लेकर लोगों की जागरूकता तेजी से बढ़ी है। खासकर एसआईपी (Systematic Investment Plan) ने निवेश को बेहद सरल और अनुशासित बना दिया है। छोटी-छोटी मासिक किस्तों के जरिए लंबी अवधि में बड़ा कॉर्पस तैयार करना अब पहले जितना जटिल नहीं रहा। इसी वजह से युवा से लेकर नौकरीपेशा और गृहिणी तक सभी एसआईपी को एक सुरक्षित और बेहतर विकल्प के रूप में देख रहे हैं।
क्या है 6000 रुपये की SIP का 5 साल का कैलकुलेशन?
मान लीजिए कोई व्यक्ति हर महीने 6000 रुपये की एसआईपी करता है। निवेश की अवधि 5 साल और अनुमानित वार्षिक रिटर्न 12% माना जाए, तो गणना इस प्रकार होगी:
| निवेश |
अवधि |
अनुमानित रिटर्न |
कुल निवेश |
अनुमानित रिटर्न राशि |
कुल फंड |
| ₹6000 प्रति माह |
5 साल |
12% |
₹3,60,000 |
₹1,35,000 |
₹4,95,000 |
इस हिसाब से 5 साल में कुल निवेश ₹3,60,000 होता है और अनुमानित लाभ ₹1,35,000 मिल सकता है। यानी कुल फंड लगभग ₹4,95,000 तक तैयार हो सकता है।
हालांकि, ध्यान रखना जरूरी है कि म्यूचुअल फंड रिटर्न पूरी तरह बाजार की स्थिति पर निर्भर होते हैं, इसलिए वास्तविक रिटर्न अनुमान से ऊपर या नीचे भी हो सकता है।
कंपाउंडिंग का कमाल: छोटे निवेश से बड़ा धन
कंपाउंडिंग को निवेश की दुनिया का जादू कहा जाता है। द वेल्थ कंपनी AMC के चीफ स्ट्रैटेजी ऑफिसर देबाशीष मोहंती के अनुसार:“एसआईपी में कंपाउंडिंग का मतलब है कि आपकी मूल राशि और उस पर बने मुनाफे दोनों पर आगे मुनाफा बनता है। समय के साथ यही प्रक्रिया छोटी बचत को बड़े धन में बदल देती है। यानी जितना ज्यादा समय आपका निवेश बाजार में लगा रहेगा, उतना ही कंपाउंडिंग का प्रभाव मजबूत होता जाएगा।
सफल SIP निवेश के लिए जरूरी नियम
धैर्य रखें, बीच में पैसा न निकालें
जब बाजार गिरता है तो अक्सर निवेशक घबरा कर एसआईपी बंद कर देते हैं या पैसा निकाल लेते हैं। लेकिन यही कंपाउंडिंग को तोड़ देता है। गिरावट के दौर में अधिक यूनिट्स मिलने का लाभ भविष्य में रिटर्न को और बढ़ा देता है।
हर साल SIP बढ़ाएं
सैलरी में बढ़ोतरी के साथ यदि आप एसआईपी में 10-15% बढ़ोतरी करते हैं तो आपका कॉर्पस तेजी से बढ़ता है।
उदाहरण:
अगर 6000 रुपये की SIP हर साल 10% बढ़ाई जाती है, तो 5 साल के बाद कॉर्पस 4.95 लाख से भी ज्यादा हो सकता है।
निवेश को विविधता दें
सारा पैसा एक ही फंड में लगाने के बजाय:
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लार्ज कैप
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मिड कैप
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हाइब्रिड
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डेब्ट फंड
आदि में संतुलित निवेश करने से जोखिम कम होता है और रिटर्न बेहतर बनता है।
जल्दी शुरू करने का फायदा
जितनी जल्दी निवेश शुरू किया जाए, उतना ही कंपाउंडिंग का असर गहरा होता है। 25 वर्ष की उम्र में शुरू की गई SIP वही रकम 35 वर्ष की उम्र में शुरू करने वाले निवेशक से कई गुना ज्यादा कॉर्पस दे सकती है।