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2 महीने में जांच पूरी करें … नोएडा में अधिक मुआवजा देने वाले मामले में SIT को SC का आदेश

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Posted On:Wednesday, December 10, 2025

नोएडा में जमीन अधिग्रहण के लिए जमीन मालिकों को अधिक मुआवजा दिए जाने के एक संवेदनशील मामले में आज यानी बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई हुई। यह मामला नोएडा अथॉरिटी के अधिकारियों और कुछ जमीन मालिकों के बीच सांठगांठ करके गलत तरीके से ज्यादा मुआवजा बांटने के आरोपों से जुड़ा है।

सुप्रीम कोर्ट ने SIT को दिया अंतिम मौका

चीफ जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस उज्ज्वल भुयान और जस्टिस एनके सिंह की पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही थी। पीठ ने विशेष जांच दल (SIT) को अपनी जांच पूरी करने के लिए दो महीने का और समय दिया है। हालांकि, SIT ने तीन महीने का समय मांगा था, लेकिन चीफ जस्टिस ने कहा, "उनसे कहिए कि वे इसे दो महीने में पूरा करें। वे तीन महीने मांग रहे हैं। पहले ही काफी समय दिया जा चुका है।"

इस फैसले को नोएडा में जमीन अधिग्रहण प्रक्रिया में हो रही गड़बड़ियों को रोकने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। जांच पूरी होने के बाद कोर्ट आगे की कार्रवाई तय करेगा।

क्या है पूरा मामला?

यह मामला कुछ जमीन मालिकों को गलत तरीके से अधिक मुआवजा दिए जाने के आरोपों से संबंधित है, जबकि वे कानूनी रूप से इसके हकदार नहीं थे। आरोप है कि नोएडा अथॉरिटी के अधिकारियों ने नियमों की अनदेखी करते हुए या मिलीभगत करके कुछ लोगों को अनुचित लाभ पहुंचाया।

इससे पहले कोर्ट ने ही जमीन अधिग्रहण मुआवजे के गलत भुगतान और अधिकारियों व मालिकों की मिलीभगत की शिकायत पर शुरुआती जांच के लिए निर्देश दिए थे। यह सुनवाई तब शुरू हुई जब कोर्ट ने नोएडा के एक लॉ ऑफिसर की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए एसआईटी जांच का आदेश दिया था।

SIT की पिछली रिपोर्ट में क्या?

कोर्ट ने इसी साल जनवरी में इस मामले की गहराई से जांच के लिए SIT जांच का आदेश दिया था। अगस्त में SIT ने अपनी पहली स्टेटस रिपोर्ट कोर्ट में पेश की, जिसमें निम्नलिखित महत्वपूर्ण बातें सामने आईं:

  • कुल 1198 किसानों को बढ़ा हुआ मुआवजा दिया गया था।

  • इनमें से 1167 मामलों में मुआवजा कोर्ट के पुराने आदेशों के आधार पर दिया गया था, यानी वे ठीक थे।

  • लेकिन बाकी 20 मामले पूरी तरह से गलत पाए गए।

  • इन 20 गलत मामलों में, किसानों को बिना किसी हक के बहुत ज्यादा मुआवजा दे दिया गया था।

  • SIT ने साफ बताया कि इन 20 मामलों में नोएडा अथॉरिटी के कुछ अधिकारियों ने मिलीभगत की थी।

  • रिपोर्ट में उन दोषी अधिकारियों के नाम भी बताए गए, जिन्होंने नियमों को तोड़कर कुछ लोगों को फायदा पहुंचाया।

यानी, ज्यादातर मुआवजा भुगतान सही थे, लेकिन 20 मामलों में साफ-साफ धांधली हुई थी।

अगली कार्रवाई का इंतजार

आज सुनवाई के दौरान नोएडा अथॉरिटी की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता कोर्ट में पेश हुए। उन्होंने कोर्ट से जवाबी हलफनामा (Counter Affidavit) दाखिल करने के लिए थोड़ा समय मांगा।

अब कोर्ट ने SIT को अपनी जांच और आगे की कार्रवाई के लिए केवल 2 महीने का और समय दिया है। उम्मीद है कि इस समय सीमा में जांच पूरी होने के बाद, दोषियों पर कार्रवाई और गलत तरीके से दिए गए मुआवजे की वसूली की दिशा में कदम उठाए जाएंगे।


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