बेंगलुरु में रहने वाले एक किरायेदार ने सोशल मीडिया पर अपनी परेशानी साझा की है, जो अब वायरल हो गई है और इस पर लोगों के बीच जमकर बहस भी हो रही है। मामला है मकान मालिक द्वारा दो लोगों के लिए हर महीने 15,800 रुपये का पानी बिल वसूलने का। किरायेदार का कहना है कि उन्हें 1,65,000 लीटर पानी के लिए इतना भारी बिल मिला है, जबकि घर में केवल दो लोग रहते हैं।
किरायेदार ने क्या कहा?
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Reddit पर एक यूजर ने पोस्ट किया कि उन्हें 1,65,000 लीटर पानी के लिए 15,800 रुपये का बिल मिला है। पोस्ट में यूजर ने बताया कि वह और उनके घर के दूसरे सदस्य दोनों ही ज्यादातर समय ऑफिस में रहते हैं। इस वजह से इतनी बड़ी पानी की खपत संभव नहीं लगती। यूजर ने लिखा, “हमें हर महीने औसतन करीब 10,000 रुपये का पानी का बिल आता है। मकान मालिक से जब भी बात की, तो वह कोई न कोई बेतुका बहाना बना देता है।”
यूजर ने यह भी बताया कि पानी की सप्लाई भी हर 15 दिन में एक-दो दिन बंद रहती है। वह इस स्थिति में फंसे हुए हैं और समझ नहीं पा रहे कि क्या करें।
सोशल मीडिया पर छिड़ी बहस
इस पोस्ट के वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर इस मामले को लेकर लोगों ने खूब प्रतिक्रियाएं दी हैं। कई लोगों ने इस बिल को असंभव बताया। एक यूजर ने कमेंट किया कि “यह बिल बिल्कुल भी सही नहीं लग रहा है। या तो पानी मीटर में कोई खराबी है या फिर मीटर की रीडिंग में गड़बड़ी हुई है। दो लोगों के लिए अधिकतम पानी बिल 300 रुपये से ज्यादा नहीं आना चाहिए।”
कई अन्य यूजर्स ने भी इस बात पर सवाल उठाए कि इतनी बड़ी खपत कैसे संभव हो सकती है, खासकर जब घर के लोग ज्यादातर ऑफिस में होते हैं।
बेंगलुरु में पानी की औसत खपत
बेंगलुरु वाटर सप्लाई एंड सीवरेज बोर्ड (BWSSB) की वेबसाइट के अनुसार, औसतन एक व्यक्ति प्रतिदिन 135 से 150 लीटर पानी उपयोग करता है। इसका मतलब है कि दो लोगों के लिए मासिक पानी की खपत लगभग 8,000 से 9,000 लीटर होनी चाहिए।
अगर इसका हिसाब लगाया जाए तो 1,65,000 लीटर का बिल बिलकुल भी तर्कसंगत नहीं लगता।
एक्सपर्ट की सलाह
इस मामले में विशेषज्ञों ने किरायेदार को सुझाव दिया है कि वे अपने पानी मीटर की जांच कराएं। संभव है कि मीटर में कोई तकनीकी खराबी हो या मीटर की रीडिंग ठीक से दर्ज नहीं हो रही हो। इसके लिए किरायेदार को बेंगलुरु वाटर सप्लाई एंड सीवरेज बोर्ड (BWSSB) से संपर्क करना चाहिए और मीटर की जांच करानी चाहिए।
अगर मीटर में कोई गड़बड़ी मिली तो बिल को सही करने के लिए आवश्यक कार्रवाई की जा सकती है।
निष्कर्ष
यह मामला बेंगलुरु जैसे शहरों में पानी के दाम और सप्लाई की समस्या को उजागर करता है। जबकि पानी की कीमतें बढ़ती जा रही हैं, उपभोक्ताओं को भी सही और उचित बिल मिलने चाहिए। ऐसे मामलों में सही मीटर रीडिंग और पारदर्शिता जरूरी है।
अगर कोई उपभोक्ता अपने बिल को लेकर आशंकित है तो उसे संबंधित जल प्राधिकरण से संपर्क करना चाहिए और जांच करानी चाहिए।