नेपाल में जारी हिंसक प्रदर्शन थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। राजधानी काठमांडू समेत कई प्रमुख इलाकों में प्रदर्शनकारियों ने उग्र रूप धारण कर लिया है। हालात इतने गंभीर हो गए हैं कि संसद भवन, प्रधानमंत्री कार्यालय, राष्ट्रपति भवन, कई मंत्रियों के आवास और यहां तक कि सुप्रीम कोर्ट की इमारत में आग लगा दी गई है। पुलिस चौकियों को भी जला दिया गया है। इस हिंसा में पूर्व प्रधानमंत्री झलनाथ खनाल के घर में भी आग लग गई, जिससे उनकी पत्नी की दुखद रूप से जलकर मृत्यु हो गई। नेपाली सेना लगातार प्रदर्शनकारियों से शांति और संयम बरतने की अपील कर रही है, लेकिन फिलहाल प्रदर्शनकारी हिंसक गतिविधियां रोकने को तैयार नहीं हैं।
प्रधानमंत्री मोदी का शांति संदेश
नेपाल में जारी इस अशांत स्थिति पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व ट्विटर) पर नेपाली भाषा में भी पोस्ट करते हुए देश के युवाओं से शांति बनाए रखने की अपील की। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इतने सारे युवाओं की जान जाने से उन्हें गहरा दुःख हुआ है। उन्होंने स्पष्ट किया कि नेपाल की स्थिरता, शांति और समृद्धि भारत के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं। मोदी ने सभी नेपाली भाइयों और बहनों से विनम्रता पूर्वक आग्रह किया है कि वे शांति और व्यवस्था बनाए रखें, ताकि देश में स्थिरता लौट सके।
पंजाब और हिमाचल दौरे के बाद पीएम मोदी का बयान
9 सितंबर को प्रधानमंत्री मोदी हिमाचल प्रदेश और पंजाब के प्राकृतिक आपदा प्रभावित इलाकों का दौरा कर रहे थे। वहां से लौटने के बाद उन्होंने नेपाल में हो रही हिंसा पर तत्काल ध्यान दिया और दिल्ली में सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति के साथ बैठक कर स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि नेपाल में हो रही हिंसा अत्यंत हृदयविदारक है और इस स्थिति को गंभीरता से लिया जाना चाहिए।
प्रदर्शनकारी उग्र, संसद और सुप्रीम कोर्ट तक निशाना
प्रदर्शनकारियों की हिंसा का ग्राफ लगातार बढ़ता जा रहा है। शुरुआत में विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्ण थे, लेकिन धीरे-धीरे ये हिंसक हो गए। प्रदर्शनकारियों ने काठमांडू में संसद भवन को आग के हवाले कर दिया, जिससे देश की लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर भारी खतरा मंडराने लगा। इसके बाद कई मंत्रियों और पूर्व प्रधानमंत्रियों के घरों को भी निशाना बनाया गया। खासकर 9 सितंबर को राष्ट्रपति भवन को भी आग के साथ नुकसान पहुंचाया गया। उसी दिन शाम को सुप्रीम कोर्ट की इमारत में भी आग लगा दी गई, जो न्यायपालिका की स्वतंत्रता पर हमला माना जा रहा है। पूर्व प्रधानमंत्री झलनाथ खनाल के घर भी आग लगने से एक बहुत बड़ा मानव दुख सामने आया, जहां उनकी पत्नी की मृत्यु हो गई।
सेना ने अलर्ट जारी किया, स्थिति तनावपूर्ण
नेपाल की सेना ने देश में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए अलर्ट जारी कर दिया है। सुरक्षा बलों को निर्देश दिए गए हैं कि वे स्थिति को नियंत्रण में रखें और हिंसा फैलाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें। वहीं, कई प्रदर्शनकारी पुलिस और सेना से भिड़ गए हैं। अब तक दर्जनों लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं, लेकिन स्थिति अभी भी पूरी तरह काबू में नहीं आ पाई है।
निष्कर्ष
नेपाल में हो रही हिंसा और अशांति से पूरे क्षेत्र में चिंता की लहर है। पड़ोसी देश में लोकतंत्र, शांति और कानून व्यवस्था को लेकर गंभीर खतरे उत्पन्न हो रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी के शांति संदेश से यह उम्मीद है कि दोनों देशों के बीच मजबूत संवाद और सहयोग से इस संकट का समाधान निकाला जा सकेगा। फिलहाल, नेपाल की जनता और सरकार दोनों को मिलकर शांति स्थापित करने की दिशा में कदम उठाने की जरूरत है ताकि देश में स्थिरता और समृद्धि वापस आ सके।