भारतीय महिला क्रिकेट टीम इस समय विजय रथ पर सवार है। मंगलवार, 30 दिसंबर 2025 को तिरुवनंतपुरम के ग्रीनफील्ड इंटरनेशनल स्टेडियम में भारत और श्रीलंका के बीच पांचवां और अंतिम टी20 अंतरराष्ट्रीय मुकाबला खेला जाएगा। सीरीज में 4-0 की अजेय बढ़त बना चुकी हरमनप्रीत कौर की सेना का लक्ष्य अब 'क्लीन स्वीप' कर इतिहास रचना है।
यह श्रृंखला केवल एक द्विपक्षीय सीरीज नहीं है, बल्कि अगले साल (2026) इंग्लैंड में होने वाले टी20 विश्व कप की तैयारियों का लिटमस टेस्ट भी है।
आक्रामक शैली: कप्तान हरमनप्रीत का विजन
2024 विश्व कप में ग्रुप चरण से बाहर होने का दर्द झेलने के बाद, भारतीय टीम ने अपनी रणनीति में आमूल-चूल बदलाव किया है। कप्तान हरमनप्रीत कौर ने स्पष्ट किया है कि टीम ने अब 'डिफेंसिव' की जगह 'अग्रेसिव' क्रिकेट को प्राथमिकता दी है। उन्होंने कहा, "हमें अपने स्तर को ऊपर उठाना होगा। विश्व कप के बाद हमारी चर्चा का मुख्य बिंदु टी20 में अधिक आक्रामक होकर खेलना था, और इस सीरीज में वह साफ दिख रहा है।"
बल्लेबाजी में 'शेफाली-स्मृति' का तूफान
इस सीरीज में भारत की सबसे बड़ी ताकत उसकी सलामी जोड़ी रही है। चौथे मैच में शेफाली वर्मा और स्मृति मंधाना ने मिलकर रिकॉर्ड्स की झड़ी लगा दी:
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रिकॉर्ड साझेदारी: दोनों ने महज 92 गेंदों में 162 रन जोड़े, जो भारत की तरफ से पहले विकेट के लिए सबसे बड़ी टी20 अंतरराष्ट्रीय साझेदारी है।
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शेफाली की फॉर्म: शेफाली ने 4 मैचों में 3 अर्धशतक जड़े हैं और उनका स्ट्राइक रेट 185.82 का रहा है।
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मंधाना की वापसी: स्मृति मंधाना ने पिछले मैच में 80 रनों की पारी खेलकर फॉर्म में वापसी के संकेत दिए हैं।
इसके अलावा, ऋचा घोष को तीसरे नंबर पर भेजने का प्रयोग भी सफल रहा, जिन्होंने मात्र 16 गेंदों में नाबाद 40 रन बनाकर टीम को 221/2 के रिकॉर्ड स्कोर तक पहुँचाया।
गेंदबाजी और फील्डिंग: सकारात्मकता के बीच कुछ चिंताएं
भारतीय गेंदबाजी इस सीरीज का सबसे उजला पक्ष रही है।
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रेणुका सिंह ठाकुर: एक साल बाद वापसी करते हुए उन्होंने अपनी स्विंग से श्रीलंकाई बल्लेबाजों को खासा परेशान किया है।
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दीप्ति शर्मा और वैष्णवी शर्मा: अनुभवी दीप्ति की किफायती गेंदबाजी और 20 वर्षीय वैष्णवी शर्मा (5.73 इकॉनमी) की चतुराई ने मध्य ओवरों में भारत की पकड़ मजबूत रखी है।
हालांकि, फील्डिंग अभी भी चिंता का सबब बनी हुई है। पिछले मैच में छूटे हुए कैच और स्टंपिंग के मौके टीम की खामियों को उजागर करते हैं, जिसे विश्व कप जैसे बड़े टूर्नामेंट से पहले सुधारना अनिवार्य है।
श्रीलंका की चुनौती: सम्मान की लड़ाई
भले ही श्रीलंका सीरीज हार चुकी है, लेकिन चौथे मैच में 191 रन बनाकर उन्होंने अपनी बल्लेबाजी क्षमता का लोहा मनवाया है। कप्तान चमारी अटापट्टू ने अर्धशतक लगाकर फॉर्म में वापसी की है। पांचवें मैच में श्रीलंका अपने सम्मान के लिए लड़ेगी और कोशिश करेगी कि भारत के अजेय क्रम को तोड़ा जाए।
निष्कर्ष और आगे की राह
श्रीलंका के खिलाफ यह आखिरी मैच भारत के लिए ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के खिलाफ आगामी कड़े दौरों से पहले आत्मविश्वास बढ़ाने का सुनहरा मौका है। यदि भारतीय टीम अपनी फील्डिंग की कमियों को दूर कर लेती है, तो 2026 विश्व कप के लिए वह दुनिया की सबसे खतरनाक टीमों में से एक होगी।