शांत महासागर में 23 अगस्त 2025 को उठा चक्रवाती तूफान 'काजिकी' इस साल का सबसे खतरनाक तूफान साबित हो रहा है। जापानी भाषा में 'काजिकी' का अर्थ स्पीयरफिश या डोराडो मछली होता है, जबकि फिलीपींस में इसे ‘इसांग’ नाम से जाना जा रहा है। जापान की मौसम विज्ञान एजेंसी (JMA) ने इस तूफान को लेकर पहले ही चेतावनी जारी कर दी थी, और अब इसकी वजह से चीन और वियतनाम में काफी तबाही देखी गई है।
तूफान की शुरुआत और तीव्रता
23 अगस्त को दक्षिण चीन सागर में यह तूफान उष्णकटिबंधीय दबाव के रूप में शुरू हुआ था। एक दिन बाद, 24 अगस्त को यह एक कैटेगरी-2 टाइफून में तब्दील हो गया और 25 अगस्त को इसने चीन के तटीय इलाकों को अपनी चपेट में ले लिया। इसकी रफ्तार 150-175 किलोमीटर प्रति घंटा तक पहुंच गई। 26 अगस्त तक यह तूफान थोड़ा कमजोर होकर लाओस की तरफ बढ़ गया, लेकिन इसका असर खत्म नहीं हुआ है।
चीन में काजिकी की तबाही
तूफान सबसे पहले चीन के हैनान द्वीप और ग्वांगडोंग प्रांत से टकराया, जहां भारी बारिश और तेज हवाओं के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। सान्या शहर में 600 मिमी तक बारिश दर्ज की गई और 162 किमी/घंटा की रफ्तार से हवाएं चलीं। पेड़ उखड़ गए, घरों को नुकसान हुआ और बिजली आपूर्ति बाधित रही।
सरकार ने लगभग 20,000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा, स्कूल, ऑफिस और बाजार बंद कर दिए गए। मछुआरों को पहले ही चेतावनी दी गई थी और समुद्री गतिविधियों पर रोक लगा दी गई थी। हालांकि राहत की बात यह रही कि कोई जान-माल की बड़ी हानि नहीं हुई, लेकिन बुनियादी ढांचे को खासा नुकसान पहुंचा है।
वियतनाम में 3 लोगों की मौत, 6,800 परिवार बेघर
चक्रवात काजिकी ने जब वियतनाम के तटीय क्षेत्रों को प्रभावित किया, तो इसकी रफ्तार और अधिक घातक हो गई। 180 किमी/घंटा की हवाओं और मूसलधार बारिश के चलते वियतनाम के न्घे आन और हा तिन्ह प्रांतों में भारी तबाही मची।
वियतनाम सरकार के अनुसार:
वियतनाम के उत्तरी मध्य तट पर 300-500 मिमी बारिश हुई, जिससे भूस्खलन और बाढ़ जैसे हालात बन गए। हनोई समेत कई शहरों में बिजली गुल हो गई, सड़कों पर पानी भर गया और परिवहन बाधित हुआ। राहत और बचाव कार्यों के लिए सेना और आपदा प्रबंधन दल तैनात कर दिए गए हैं।
आगे क्या खतरा बना हुआ है?
जॉइंट टाइफून वॉर्निंग सेंटर (JTWC) की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, तूफान अब लाओस और थाईलैंड की ओर बढ़ रहा है। हालांकि इसकी रफ्तार कम हुई है (65-80 किमी/घंटा), लेकिन भारी बारिश और बाढ़ की आशंका अब भी बनी हुई है।
सरकारों को सलाह दी गई है कि:
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निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को शिफ्ट किया जाए,
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मछुआरे समुद्र में न जाएं,
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और आवश्यक सेवाओं को तैयार रखा जाए।
निष्कर्ष
चक्रवात काजिकी ने एशियाई देशों को एक बार फिर यह एहसास कराया है कि जलवायु परिवर्तन और प्राकृतिक आपदाएं कितनी विनाशकारी हो सकती हैं। चीन और वियतनाम ने जहां तत्काल कदम उठाकर बड़े नुकसान को टालने की कोशिश की, वहीं अब अन्य देशों को भी सतर्क रहना होगा। तूफान तो कमजोर पड़ रहा है, लेकिन इसके प्रभाव से उबरने में समय लगेगा।
इस बीच, राहत और पुनर्वास के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता महसूस की जा रही है। संयुक्त राष्ट्र और अन्य वैश्विक एजेंसियों को भी आगे आकर इस संकट से जूझ रहे लोगों की मदद करनी चाहिए।