एविएशन इंडस्ट्री से एक राहत भरी लेकिन रोंगटे खड़े कर देने वाली खबर सामने आई है। इंडोनेशिया के टैंगरैंग प्रांत में बोइंग-737 विमान भारी बारिश और तेज हवाओं के बीच रनवे पर फिसलते हुए क्रैश होने से बाल-बाल बचा। यह घटना सोएकरनो हट्टा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की है, जहां लैंडिंग के दौरान पायलट ने विमान पर से नियंत्रण लगभग खो दिया था। गनीमत रही कि पायलट ने साहस और अनुभव का परिचय देते हुए वक्त रहते विमान को फिर से संतुलित किया और सुरक्षित लैंडिंग कराई।
क्या है पूरा मामला?
यह घटना बातिक एयरलाइन की PK-LDJ फ्लाइट से जुड़ी है, जो कि बोइंग-737 मॉडल का विमान है। 29 जून की दोपहर इस विमान को सोएकरनो हट्टा एयरपोर्ट पर लैंड करना था। लेकिन खराब मौसम, भारी बारिश और रनवे पर तेज हवाओं के चलते विमान की स्थिति बेहद असामान्य हो गई।
रनवे पर जैसे ही विमान उतरा, तेज हवा के झोंकों ने उसे एक ओर झुका दिया। इतना कि विमान का एक पंख रनवे से टकराने ही वाला था। कुछ सेकंड के लिए लगा कि विमान शायद क्रैश कर जाएगा, लेकिन पायलट की सतर्कता और कुशलता ने संभावित हादसे को टाल दिया।
वीडियो वायरल: सांसें रोक देने वाला दृश्य
इस पूरी घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। यह वीडियो @velljet.vjt नामक इंस्टाग्राम हैंडल द्वारा पोस्ट किया गया और कुछ ही घंटों में X (पूर्व में ट्विटर) और यूट्यूब पर लाखों लोगों द्वारा देखा गया।
वीडियो में साफ दिख रहा है कि विमान लैंडिंग के दौरान डगमगाता है, उसका एक पंख नीचे की ओर झुकता है और रनवे से बस कुछ इंच की दूरी पर रुकता है। कुछ सेकंड के लिए ऐसा लगता है मानो विमान पलट जाएगा। लेकिन फिर पायलट उसे सफलतापूर्वक सीधा करता है और विमान रनवे पर रुक जाता है।
एयरलाइन की प्रतिक्रिया
बातिक एयरलाइन के कॉरपोरेट कम्युनिकेशंस स्ट्रैटेजिक ऑफिसर दानंग मंडला प्रिहंतोरो ने घटना की पुष्टि करते हुए कहा:
“बोइंग-737 विमान भारी बारिश और तेज हवाओं के बीच लैंड कर रहा था। लैंडिंग के समय एक पंख झुक गया, लेकिन पायलट ने विमान को नियंत्रित किया और सभी यात्रियों की सुरक्षित लैंडिंग कराई गई। इंजीनियरिंग टीम द्वारा विमान की जांच की गई और कोई नुकसान नहीं पाया गया। यात्रियों की सुरक्षा हमारी पहली प्राथमिकता है।”
गुजरात हादसे की दिल दहला देने वाली यादें ताजा
यह घटना ऐसे समय पर हुई है जब लोग अभी तक भारत के अहमदाबाद में हुए बोइंग-737 विमान हादसे को नहीं भूले हैं। उस हादसे में 275 लोगों की जान चली गई थी, और वह भारतीय एविएशन इतिहास की सबसे बड़ी त्रासदियों में से एक बन गया था। इंडोनेशिया की घटना में विमान का बच जाना और सभी यात्रियों का सुरक्षित रहना राहत भरी खबर है, लेकिन इसने उस दर्दनाक घटना की कड़वी यादें ताजा कर दी हैं।
खराब मौसम बना सबसे बड़ा खतरा
मौसम विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, उस समय टैंगरैंग क्षेत्र में 110 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल रही थीं। साथ ही मूसलाधार बारिश और विजिबिलिटी बहुत कम थी। इन हालातों में किसी भी विमान की लैंडिंग एक जोखिम भरा काम होता है, और इस स्थिति में बोइंग-737 की लैंडिंग को 'मिरेकल' करार दिया जा रहा है।
यात्रियों की प्रतिक्रिया
फ्लाइट में सवार यात्रियों ने लैंडिंग के बाद अपना अनुभव साझा करते हुए कहा:
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“हमने सोचा कि अब सब खत्म हो जाएगा।”
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“एक तरफ से विमान का झुकना और टायर की आवाज हमें डरा गई थी।”
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“पायलट ने हमारी जान बचाई, हम शुक्रगुजार हैं।”
सुरक्षा के मानकों पर फिर चर्चा शुरू
इस घटना ने एक बार फिर से विमानन क्षेत्र में सुरक्षा मानकों और पायलट ट्रेनिंग पर जोर बढ़ा दिया है। एविएशन विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे हादसे पायलटों की साहसिकता और प्रशिक्षण की सच्ची परीक्षा होते हैं।
निष्कर्ष: टला बड़ा हादसा, लेकिन चेतावनी साफ है
इंडोनेशिया की यह घटना एक गंभीर चेतावनी है कि मौसम जैसी अप्रत्याशित स्थितियां कभी भी किसी भी विमान को संकट में डाल सकती हैं। गनीमत रही कि इस बार कोई मानव जीवन का नुकसान नहीं हुआ, लेकिन अगर पायलट एक सेकंड भी देर करते, तो यह कहानी बहुत अलग होती।
अब जरूरत है कि एयरलाइन कंपनियां, एयर ट्रैफिक कंट्रोल और मौसम विभाग आपसी समन्वय को और सुदृढ़ बनाएं ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं रोकी जा सकें — क्योंकि एक छोटी चूक सैकड़ों जिंदगियां छीनसकती है।
यात्रा से पहले मौसम रिपोर्ट देखना और सुरक्षा निर्देशों का पालन करना हमेशा जरूरी है — क्योंकि सावधानी ही सुरक्षा की पहली सीढ़ी है।