इजराइल ने गुरुवार रात को ईरान की राजधानी तेहरान में सशस्त्र बलों के 6 महत्वपूर्ण सैन्य ठिकानों पर हवाई हमला किया। इस हमले की पुष्टि इजराइली रक्षा मंत्री बेनी काट्ज ने की है। रक्षा मंत्री ने बताया कि यह हमला इजराइल की सुरक्षा और क्षेत्रीय स्थिरता के लिए जरूरी था।
हुसैन सलामी समेत कई वरिष्ठ अधिकारी मारे गए
इजरानी मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, इस हमले में ईरान की इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) के प्रमुख कमांडर हुसैन सलामी की मौत हुई है। हुसैन सलामी ईरानी सेना में एक महत्वपूर्ण और ताकतवर पद पर थे, जिन्होंने कई बड़े सैन्य अभियानों का नेतृत्व किया था। इसके साथ ही इस हमले में दो प्रसिद्ध परमाणु वैज्ञानिक मोहम्मद मेहदी तेहरांची और फेरेदून अब्बासी भी मारे गए हैं। ये वैज्ञानिक ईरान के परमाणु कार्यक्रम से जुड़े हुए थे।
भारतीय दूतावास ने नागरिकों को सतर्क रहने को कहा
ईरान स्थित भारतीय दूतावास ने अपने नागरिकों को तत्काल सतर्क रहने और आवश्यक सुरक्षा उपाय अपनाने की सलाह दी है। दूतावास ने कहा कि सभी भारतीय अपने निकटतम अधिकारियों से संपर्क में रहें और यात्रा या बाहर जाने में सावधानी बरतें।
हमले के पीछे इजराइल का अपना फैसला
इजराइली रक्षा मंत्री बेनी काट्ज ने स्पष्ट किया है कि यह हमला अमेरिका के निर्देश पर नहीं बल्कि इजराइल की अपनी रणनीतिक सोच के आधार पर किया गया। यूएन में इजराइल के राजदूत ने भी कहा कि वे अमेरिका के साथ संपर्क में हैं, लेकिन यह हमला पूरी तरह इजराइल का स्वतंत्र निर्णय था।
ईरान का कड़ा जवाब
ईरान ने इस हमले को कड़ा जवाब देते हुए चेतावनी दी है कि अब इजराइल को भी किसी भी हमले के लिए तैयार रहना चाहिए। ईरानी अधिकारियों ने कहा है कि यह हमला क्षेत्रीय स्थिरता के लिए बड़ा खतरा है और इसका जवाब दिया जाएगा।
आम नागरिकों की मौत की खबरें
ईरानी मीडिया के मुताबिक, इस हमले में सैन्य ठिकानों के अलावा तेहरान के आवासीय इलाकों में भी हवाई हमले किए गए, जिससे कई आम नागरिकों की मौत हुई है। स्थानीय अस्पतालों में घायलों का उपचार जारी है।
अमेरिका और अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
अमेरिकी डेमोक्रेटिक पार्टी के सांसद जैक रीड ने इस हमले की निंदा की है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप को दोनों देशों के बीच तनाव कम करने के लिए कूटनीतिक प्रयास तेज करने चाहिए। इस घटना के बाद क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई है।
निष्कर्ष
इजराइल-ईरान के बीच यह सैन्य संघर्ष मध्य-पूर्व की जटिल राजनीतिक और सामरिक स्थिति को और भी बढ़ा सकता है। दोनों देशों के बीच लंबे समय से चले आ रहे विवाद और संघर्ष अब तेज होते दिख रहे हैं, जिससे क्षेत्र में शांति बहाल करने के प्रयासों को बड़ी चुनौती मिल सकती है।