ताजा खबर

कौन हैं संयुक्त राष्ट्र की विशेष दूत Francesca Albanese? जिन पर अमेरिका ने लगाया प्रतिबंध

Photo Source :

Posted On:Thursday, July 10, 2025

अमेरिका ने हाल ही में संयुक्त राष्ट्र (UN) की ह्यूमन राइट्स काउंसिल की स्पेशल रैपोर्टेयर फ्रांसेस्का अल्बानीज पर प्रतिबंध लगा दिया है। इस फैसले की जानकारी अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने बुधवार को सार्वजनिक की। रुबियो ने कहा कि फ्रांसेस्का अल्बानीज ने इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट (ICC) के सामने अमेरिका और इजरायल के अधिकारियों, कंपनियों तथा बिजनेसमैन के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर बेहद शर्मनाक काम किया है। इस कदम के चलते अमेरिका ने उनके ऊपर प्रतिबंध लगाकर यह स्पष्ट कर दिया कि वे अब इस तरह की गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं करेंगे। आइए जानते हैं कि फ्रांसेस्का अल्बानीज कौन हैं और क्यों अमेरिका ने उन पर यह प्रतिबंध लगाया है।

फ्रांसेस्का अल्बानीज कौन हैं?

फ्रांसेस्का अल्बानीज एक अंतरराष्ट्रीय स्तर की वकील हैं, जिनकी विशेषज्ञता मानवाधिकार और मिडिल ईस्ट के मामलों में है। उन्होंने अपनी शिक्षा पीसा विश्वविद्यालय से लॉ में स्नातक की डिग्री हासिल की है, जबकि लंदन के SOAS विश्वविद्यालय से उन्होंने मानवाधिकार कानून में मास्टर की डिग्री पूरी की। मई 2022 से वे संयुक्त राष्ट्र की ह्यूमन राइट्स काउंसिल में स्पेशल रैपोर्टेयर के रूप में कार्यरत हैं।

उनका मुख्य कार्य फिलिस्तीन में मानवाधिकारों की स्थिति की जांच करना और रिपोर्ट तैयार करना है। वह इस पद को संभालने वाली पहली महिला हैं और पिछले तीन वर्षों से UN के तहत फिलिस्तीनी क्षेत्र में सक्रिय रूप से काम कर रही हैं।

अमेरिका ने क्यों लगाया प्रतिबंध?

अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने स्पष्ट किया कि फ्रांसेस्का अल्बानीज ने ICC के माध्यम से अमेरिका और इजरायल के अधिकारियों और व्यवसायों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की, जो कि अमेरिका के लिए एक राजनीतिक और आर्थिक युद्ध जैसा है। रुबियो ने कहा कि अमेरिका अब इस तरह के आक्रमक राजनीतिक अभियानों को बर्दाश्त नहीं करेगा। उन्होंने ट्वीट के माध्यम से कहा, “UN की ह्यूमन राइट्स काउंसिल की स्पेशल रैपोर्टेयर ने अमेरिका और इजरायल के खिलाफ ICC से कार्रवाई की मांग कर शर्मनाक काम किया है, इसलिए उन पर प्रतिबंध लगाया जा रहा है।”

यह प्रतिबंध इस बात की निशानी है कि अमेरिका उन कार्यवाहियों के प्रति बेहद संवेदनशील है जो उसकी सुरक्षा, आर्थिक हितों और अंतरराष्ट्रीय छवि को प्रभावित करती हैं। अमेरिका के लिए यह कदम एक संदेश भी है कि वे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अपने खिलाफ चलाए जा रहे अभियानों का जवाब देंगे।

फ्रांसेस्का अल्बानीज के काम और विवाद

फ्रांसेस्का अल्बानीज का काम मानवाधिकारों की रक्षा और उल्लंघनों की रिपोर्ट करना है, विशेषकर मिडिल ईस्ट के जटिल और संवेदनशील क्षेत्र में। उनका कार्यक्षेत्र ऐसे मुद्दों से भरा है जो अमेरिका और इजरायल के लिए राजनीतिक रूप से चुनौतीपूर्ण हैं।

उनके द्वारा ICC में दायर की गई याचिकाओं और रिपोर्टों ने अमेरिका के साथ-साथ इजरायल की आलोचना भी की है, जिससे ये दोनों देश उनके खिलाफ खड़े हो गए। अमेरिका का कहना है कि ये याचिकाएं एकतरफा और राजनीतिक मकसद से प्रेरित हैं, जो उनकी संप्रभुता और राष्ट्रीय हितों को नुकसान पहुंचाती हैं।

संयुक्त राष्ट्र और अमेरिका के बीच तनाव

यह प्रतिबंध अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र के बीच पहले से चल रहे तनाव को और बढ़ावा देगा। अमेरिका ने कई बार UN की आलोचना की है, खासकर उन एजेंसियों और पदाधिकारियों की जो अमेरिका के खिलाफ कोई रिपोर्ट या कार्रवाई करते हैं। फ्रांसेस्का अल्बानीज के मामले में भी अमेरिका ने अपनी ताकत का इस्तेमाल कर यह संदेश दिया है कि वे अपने खिलाफ किसी भी तरह की अंतरराष्ट्रीय जांच या प्रतिबंध को स्वीकार नहीं करेंगे।

निष्कर्ष

फ्रांसेस्का अल्बानीज पर अमेरिका का यह प्रतिबंध एक महत्वपूर्ण राजनीतिक कदम है जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अमेरिका के रुख को दर्शाता है। यह प्रतिबंध न केवल एक व्यक्ति के खिलाफ है, बल्कि उन सभी प्रयासों के खिलाफ भी है जो अमेरिका के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय मंचों पर आवाज उठाते हैं।

फ्रांसेस्का का काम मानवाधिकारों के संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण है, लेकिन राजनीतिक कारणों से इसे विवादित भी माना जा रहा है। इस मामले में अमेरिका का रुख स्पष्ट है कि वह किसी भी अंतरराष्ट्रीय जांच या कार्रवाई को बर्दाश्त नहीं करेगा जो उसके या उसके सहयोगियों के हितों के खिलाफ हो।

यह देखना दिलचस्प होगा कि संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय संस्थान इस प्रतिबंध को कैसे देखते हैं और भविष्य में इस तरह के मामलों में उनकी क्या प्रतिक्रिया होती है। फिलहाल, अमेरिका ने स्पष्ट कर दिया है कि वे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अपनी संप्रभुता और हितों की रक्षा के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।


यह घटना वैश्विक राजनीति और अंतरराष्ट्रीय कानून के बीच के तनाव को उजागर करती है, जहां मानवाधिकार और राष्ट्रीय हितों के बीच संतुलन बनाना चुनौतीपूर्ण होता जा रहा है।


उदयपुर और देश, दुनियाँ की ताजा ख़बरे हमारे Facebook पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें,
और Telegram चैनल पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें



You may also like !

मेरा गाँव मेरा देश

अगर आप एक जागृत नागरिक है और अपने आसपास की घटनाओं या अपने क्षेत्र की समस्याओं को हमारे साथ साझा कर अपने गाँव, शहर और देश को और बेहतर बनाना चाहते हैं तो जुड़िए हमसे अपनी रिपोर्ट के जरिए. Udaipurvocalsteam@gmail.com

Follow us on

Copyright © 2021  |  All Rights Reserved.

Powered By Newsify Network Pvt. Ltd.