अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव कम करवाने का क्रेडिट अपने नाम बताया है। ट्रंप ने दावा किया कि मई महीने में दोनों देशों के बीच बढ़ते सैन्य तनाव को रोकने में उनकी निर्णायक भूमिका थी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं उन्हें फोन कर कहा था, “हम युद्ध नहीं करेंगे।” ट्रंप के मुताबिक, भारत और पाकिस्तान की ओर से एक-दूसरे पर हमले बढ़ रहे थे और स्थिति परमाणु संघर्ष तक पहुंच सकती थी।
19 नवंबर 2025 को यूएस-सऊदी इन्वेस्टमेंट फोरम को संबोधित करते हुए ट्रंप ने कहा कि वह “झगड़े सुलझाने में माहिर” रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि 7 से 10 मई के बीच जब दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर था, तब उन्होंने भारत और पाकिस्तान को चेतावनी दी थी कि यदि संघर्ष नहीं रुका तो अमेरिका दोनों पर 350 प्रतिशत टैरिफ लगाएगा और व्यापारिक संबंध समाप्त कर देगा। ट्रंप का कहना है कि यह धमकी दोनों देशों को पीछे हटने पर मजबूर करने में प्रभावी साबित हुई।
उन्होंने कहा कि उन्हें दोनों देशों को यह कहना पड़ा कि युद्ध जारी रखना है तो रखें, लेकिन उसके बाद अमेरिका के साथ कोई व्यापार नहीं बचेगा। ट्रंप ने दावा किया कि भारत और पाकिस्तान दोनों ने उनसे आग्रह किया कि वह ऐसा न करें। अपने भाषण में ट्रंप ने कहा, “मैं नहीं चाहता कि आप परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करें और लाखों लोगों की जान जाए। मैं नहीं चाहता कि लॉस एंजिलिस पर भी उसका असर पड़े।”
ट्रंप के अनुसार, उन्होंने अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट को निर्देश दिया था कि यदि हालात बिगड़े, तो दोनों देशों पर भारी शुल्क लगाया जाए। उन्होंने दावा किया कि “आठ में से पांच बड़े अंतरराष्ट्रीय संघर्ष मैंने व्यापार और शुल्क के दबाव से सुलझाए।”
ट्रंप ने यह भी दावा किया कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने उन्हें फोन कर युद्ध टलवाने में उनकी भूमिका के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि यह कॉल व्हाइट हाउस की चीफ ऑफ स्टाफ सूसी विल्स के सामने हुई थी। इसके बाद, ट्रंप के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का फोन आया जिसमें उन्होंने कहा कि भारत युद्ध नहीं करेगा। ट्रंप ने बताया कि मोदी ने कहा, “हमारा काम हो गया,” जिसके जवाब में उन्होंने पूछा—“क्या काम?” मोदी ने कथित रूप से कहा—“हम युद्ध नहीं करेंगे।”
ट्रंप ने अपने भाषण में दोहराया कि उन्होंने कई बड़े अंतरराष्ट्रीय संघर्षों में “लाखों-करोड़ों लोगों की जान बचाई।” भारत सरकार पहले भी बार-बार कह चुकी है कि भारत-पाकिस्तान मुद्दे पर किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता स्वीकार नहीं की जाती।
इस पूरे विवाद के बीच यह भी ध्यान देने योग्य है कि भारत ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च किया था। यह ऑपरेशन पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में किया गया था, जिसमें 26 लोगों की मौत हुई थी। भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आतंकी ढांचों को निशाना बनाया था, जिसके बाद दोनों देशों के बीच तनाव तेजी से बढ़ गया था। ट्रंप के इस नए दावे ने एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय मंच पर चर्चा बढ़ा दी है और भारत-अमेरिका-पाकिस्तान संबंधों पर भी सवाल खड़े किए हैं।