इंटरनेट और सोशल मीडिया के इस तेज़ी से बदलते दौर में खबरों की गति तो बढ़ गई है, लेकिन इसके साथ ही फर्जी या फेक खबरों की संख्या भी चिंताजनक रूप से बढ़ रही है। लोगों तक बिना पुष्टि के सूचनाएं पहुंच रही हैं और उनमें भ्रम की स्थिति पैदा हो रही है। ऐसा ही एक हालिया मामला दिल्ली एयरपोर्ट से जुड़ा हुआ सामने आया है, जो असल में पूरी तरह फर्जी निकला।
वायरल हुआ फर्जी वीडियो
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक पर एक यूजर Rajesh Kumar Bairwa ने 19 जुलाई 2025 को एक वीडियो पोस्ट करते हुए दावा किया कि “दिल्ली एयरपोर्ट तो समन्दर बन गया।” वीडियो में दिख रहा था कि एयरपोर्ट परिसर में चारों तरफ पानी भरा हुआ है और भारी बारिश की वजह से बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। वीडियो पर लिखा गया था - "Delhi airport आज की बारिश।" इस वीडियो को कई अन्य यूजर्स ने भी इसी दावे के साथ शेयर किया, जिससे यह व्यापक रूप से वायरल हो गया।
क्या है सच्चाई?
इस वायरल दावे की पड़ताल करने के लिए फैक्ट चेक टीम ने वीडियो को गहराई से जांचा। सबसे पहले गूगल ओपन सर्च के माध्यम से वीडियो से जुड़े कीवर्ड्स को सर्च किया गया, लेकिन किसी भी विश्वसनीय मीडिया स्रोत से इस बात की पुष्टि नहीं हुई कि दिल्ली एयरपोर्ट पर हाल ही में कोई जलभराव हुआ है।
इसके बाद टीम ने वीडियो के एक कीफ्रेम (frame) को लेकर गूगल रिवर्स इमेज सर्च की मदद ली। जांच के दौरान पता चला कि यही वीडियो पहले 17 अप्रैल 2024 को एक फेसबुक यूजर द्वारा पोस्ट किया गया था। यानी यह वीडियो कम से कम एक साल पुराना है और 2025 की दिल्ली बारिश से इसका कोई लेना-देना नहीं है।
असलियत: दुबई एयरपोर्ट का वीडियो है
तलाशी को आगे बढ़ाते हुए, फैक्ट चेकर्स को The National नाम के मीडिया प्लेटफॉर्म का एक पोस्ट मिला जो 16 अप्रैल 2024 को एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर शेयर किया गया था। इस पोस्ट में वही वीडियो शेयर किया गया था और साथ में लिखा था - “यूएई में भारी बारिश के बाद दुबई एयरपोर्ट में जलभराव।” यानी साफ हो गया कि यह वीडियो दिल्ली एयरपोर्ट का नहीं, बल्कि दुबई एयरपोर्ट का है।
फैक्ट चेक निष्कर्ष:
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वायरल वीडियो दिल्ली एयरपोर्ट का नहीं है।
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यह वीडियो अप्रैल 2024 का है।
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असली वीडियो दुबई एयरपोर्ट पर भारी बारिश के बाद हुए जलभराव का है।
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सोशल मीडिया पर किया जा रहा दावा पूरी तरह से फर्जी और भ्रामक है।
क्या सावधानी बरतें?
इस प्रकार की घटनाएं एक बार फिर यह स्पष्ट करती हैं कि सोशल मीडिया पर किसी भी खबर या वीडियो पर आंख मूंदकर भरोसा नहीं किया जाना चाहिए। किसी भी जानकारी को आगे साझा करने से पहले उसकी प्रामाणिकता की जांच ज़रूरी है।
फेक न्यूज न केवल भ्रम फैलाती है, बल्कि कभी-कभी यह जनता में भय और अस्थिरता भी पैदा कर सकती है। खासकर जब मामला एयरपोर्ट जैसे संवेदनशील स्थानों का हो, तो अफवाहों से बचना और केवल आधिकारिक या भरोसेमंद सूत्रों से मिली जानकारी पर ही विश्वास करना आवश्यक है।
निष्कर्ष
इस पूरे प्रकरण से यह सीख मिलती है कि इंटरनेट की दुनिया में सूचनाओं की बाढ़ है, लेकिन हमें समझदारी से यह तय करना होगा कि कौन-सी खबर सच है और कौन-सी झूठ। एक ज़िम्मेदार नागरिक के रूप में हमारा कर्तव्य है कि हम फेक न्यूज को न फैलाएं और दूसरों को भी जागरूक करें। सोशल मीडिया के ज़माने में सोच-समझकर शेयर करना ही सच्ची डिजिटल समझदारी है।
याद रखें: “शेयर करने से पहले जांचें, कहीं आप झूठ का हथियार तो नहीं बन रहे?”