ताजा खबर

Bihar Election 2025: बिहार में 101 सीटों पर चुनाव लड़ रही भाजपा, इन 6 जिलों में नहीं उतारा एक भी प्रत्याशी

Photo Source :

Posted On:Saturday, October 25, 2025

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का बिगुल बज चुका है, और राजनीतिक खेमे आरोप-प्रत्यारोप और चुनावी रैलियों में व्यस्त हैं। इस चुनावी समर में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सीट-बंटवारे की रणनीति ने सबका ध्यान खींचा है। आश्चर्यजनक रूप से, भाजपा ने राज्य के छह जिलों में अपना एक भी उम्मीदवार मैदान में नहीं उतारा है। यह कदम गठबंधन की मजबूरियों और चुनावी समीकरणों को साधने की भाजपा की सुनियोजित रणनीति को दर्शाता है।

छह जिलों में शून्य, 101 सीटों पर फोकस

मिली जानकारी के अनुसार, इस विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 32 जिलों की कुल 101 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे हैं। हालांकि, छह जिले ऐसे हैं जहां भाजपा का कोई भी उम्मीदवार चुनाव नहीं लड़ रहा है। इनमें से तीन जिलों में पहले चरण में और शेष तीन जिलों में दूसरे चरण में मतदान होना है।

जिन जिलों में भाजपा ने प्रत्याशी नहीं उतारे हैं, वे हैं:

मधेपुरा

खगड़िया

शेखपुरा

शिवहर

जहानाबाद

रोहतास

इन जिलों की सीटें संभवतः गठबंधन के सहयोगियों—जनता दल यूनाइटेड (जदयू), लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) (लोजपा आर), हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) और राष्ट्रीय लोक मोर्चा (रालोम)—के खाते में गई हैं।

सीमित उपस्थिति वाले जिले

जहां एक ओर छह जिलों में भाजपा की उपस्थिति शून्य है, वहीं पांच अन्य जिले ऐसे हैं जहां पार्टी केवल एक-एक सीट पर ही चुनाव लड़ रही है। ये जिले हैं: सहरसा, लखीसराय, नालंदा, बक्सर, जमुई और नालंदा (यहां नालंदा की गिनती दो बार हुई है)। इन जिलों में सीटों की संख्या ज्यादा होने के बावजूद, भाजपा ने सीमित मुकाबले को प्राथमिकता दी है, जो दर्शाता है कि इन क्षेत्रों की अधिकांश सीटें या तो गठबंधन के साझेदारों के लिए छोड़ी गई हैं या फिर उन्हें पार्टी की 'जीतने की क्षमता' वाले कोर क्षेत्रों में शामिल नहीं किया गया है।

भाजपा के लिए सबसे महत्वपूर्ण चुनावी गढ़

भाजपा ने अपने सबसे ज्यादा उम्मीदवारों को राज्य के उन क्षेत्रों में केंद्रित किया है, जहां पार्टी की सांगठनिक पकड़ मजबूत मानी जाती है।

पश्चिम चंपारण: भाजपा ने इस जिले की 12 सीटों में से सर्वाधिक 8 उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है। इनमें पिपरा, कल्याणपुर, मोतिहारी, हरसिद्धि, मधुबन, रक्सौल, ढाका और चिरैया जैसी सीटें शामिल हैं।

पूर्वी चंपारण: इस जिले की 9 में से 7 सीटों पर भाजपा के प्रत्याशी खड़े हैं।

सीटों की संख्या के लिहाज से, चंपारण का क्षेत्र भाजपा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इसके अलावा, राज्य की राजधानी पटना जिले की 14 में से 7 सीटों पर भाजपा ने अपने उम्मीदवार उतारे हैं। अन्य महत्वपूर्ण फोकस वाले जिले हैं: दरभंगा (6 सीटें), भोजपुर (5 सीटें), मुजफ्फरपुर (5 सीटें), और मधुबनी (5 सीटें)।

गठबंधन का सीट बंटवारा

बिहार विधानसभा की कुल 243 सीटों पर मतदान होना है। एनडीए गठबंधन में सीटों का बँटवारा कुछ इस प्रकार है:

जदयू और भाजपा: दोनों पार्टियां 101-101 सीटों पर चुनाव लड़ रही हैं।

लोजपा आर: 29 सीटों पर उम्मीदवार उतारे गए हैं।

हम और रालोम: दोनों दलों के 6-6 उम्मीदवार मैदान में हैं।

भाजपा का छह जिलों में चुनाव न लड़ना और अन्य जिलों में सीमित उपस्थिति, बड़े गठबंधन की राजनीति का परिणाम है। यह दिखाता है कि भाजपा ने राज्य भर में 'कम सीटों' पर लड़ने के बजाय, अपने लिए आरक्षित की गई 101 सीटों पर 'जीत की संभावना' को अधिकतम करने की रणनीति अपनाई है। यह रणनीति न केवल सहयोगियों को संतुष्ट करने के लिए जरूरी है, बल्कि बिहार में एनडीए की व्यापक चुनावी सफलता सुनिश्चित करने के लिए भी महत्वपूर्ण है।


उदयपुर और देश, दुनियाँ की ताजा ख़बरे हमारे Facebook पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें,
और Telegram चैनल पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें



You may also like !

मेरा गाँव मेरा देश

अगर आप एक जागृत नागरिक है और अपने आसपास की घटनाओं या अपने क्षेत्र की समस्याओं को हमारे साथ साझा कर अपने गाँव, शहर और देश को और बेहतर बनाना चाहते हैं तो जुड़िए हमसे अपनी रिपोर्ट के जरिए. Udaipurvocalsteam@gmail.com

Follow us on

Copyright © 2021  |  All Rights Reserved.

Powered By Newsify Network Pvt. Ltd.