रियल एस्टेट सेक्टर लंबे समय से गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) में सुधार की मांग करता आ रहा था। 2017 में जब जीएसटी लागू हुआ था, तब से ही विभिन्न सेक्टर, खासकर रियल एस्टेट, ने टैक्स ढांचे को और सरल, सस्ता और पारदर्शी बनाने की गुहार लगाई थी। अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जीएसटी में हालिया सुधारों की घोषणा के बाद इस सेक्टर में सकारात्मक प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस सुधार का सबसे बड़ा लाभ सीधे तौर पर घर खरीदने वालों को मिलेगा।
अधूरे सपने होंगे पूरे
रियल एस्टेट में इस्तेमाल होने वाले कंस्ट्रक्शन मैटीरियल जैसे सीमेंट, स्टील, टाइल्स, सैनिटरी फिटिंग्स आदि पर पहले 18% से लेकर 28% तक की टैक्स दरें लगती थीं। इसके बावजूद बिल्डर्स को इन खर्चों पर इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) नहीं मिलता था। इस वजह से प्रोजेक्ट की लागत करीब 6 से 8 प्रतिशत तक बढ़ जाती थी और इसका बोझ सीधे फ्लैट की कीमतों पर पड़ता था। ऐसे में कई खरीदारों के लिए घर खरीदना महंगा और मुश्किल हो जाता था, जिससे उनका सपना अधूरा रह जाता था।
अब जीएसटी सुधार के तहत टैक्स दरों में कटौती और आईटीसी की बहाली से ये लागत कम होगी, जिससे खरीदारों के लिए घर खरीदना किफायती और आसान हो जाएगा।
निर्माण लागत में सीधी कटौती
रियल एस्टेट सेक्टर केवल एक इंडस्ट्री नहीं, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। इसमें 200 से अधिक सहायक उद्योग जुड़े हैं और यह लाखों लोगों को रोजगार देता है। इसलिए इसका सुधार देश के व्यापक आर्थिक विकास के लिए भी महत्वपूर्ण है। विशेषज्ञों का मानना है कि जीएसटी सुधार के कारण निर्माण लागत में कम से कम 2 से 3 प्रतिशत की कमी आएगी।
इससे न केवल घर की कीमतें घटेंगी, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। साथ ही, यह निवेश में बढ़ोतरी और सेक्टर की विकास दर को भी प्रोत्साहित करेगा।
पूरे देश में होगा मल्टीप्लायर इफेक्ट
क्रेडाई वेस्टर्न यूपी के अध्यक्ष दिनेश गुप्ता का कहना है कि यह सुधार सिर्फ एक शहर या प्रोजेक्ट तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि पूरे रियल एस्टेट सेक्टर में एक सकारात्मक मल्टीप्लायर इफेक्ट लाएगा।
सीमेंट (28%) और स्टील (18%) जैसे महंगे निर्माण सामग्री पर 5-10% की कटौती और आईटीसी की बहाली से प्रोजेक्ट की कुल लागत लगभग 7-8% तक घट सकती है। इससे 2 बीएचके फ्लैट पर 3-5 लाख रुपये और बड़े फ्लैट्स पर 6-8 लाख रुपये तक की बचत होगी। अनुमान है कि इससे हाउसिंग बिक्री में 15 से 20 प्रतिशत तक बढ़ोतरी हो सकती है, जिससे एनसीआर समेत पूरे भारत का हाउसिंग मार्केट फिर से गतिशील हो जाएगा।
घर की कीमतों में 10% तक की कमी संभव
निराला वर्ल्ड के CMD सुरेश गर्ग के मुताबिक, बिल्डर्स अब तक निर्माण सामग्री पर पूरा टैक्स चुकाते रहे हैं, जिससे फ्लैट महंगे हुए हैं। यदि सरकार जीएसटी दरों में कटौती करती है और आईटीसी बहाल करती है, तो घरों की कीमतें लगभग 10 प्रतिशत तक कम हो सकती हैं, जो सीधे खरीदारों को लाभ पहुंचाएगी।
एसकेबी ग्रुप के CMD विकास पुंडीर का कहना है कि यह सुधार खासकर अफोर्डेबल हाउसिंग के लिए वरदान साबित होगा। टैक्स की सरलता से खरीदारों का विश्वास बढ़ेगा और पहली बार घर खरीदने वालों की संख्या में वृद्धि होगी।
निष्कर्ष
जीएसटी में सुधार रियल एस्टेट सेक्टर के लिए एक बड़ा अवसर है। इससे न केवल घर की कीमतें कम होंगी, बल्कि रोजगार, निवेश और आर्थिक विकास को भी बल मिलेगा। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इससे आम लोगों के घर खरीदने के सपने पूरे होंगे, जो लंबे समय से अधूरे थे। सरकार के इस कदम को सेक्टर के लिए एक ऐतिहासिक और सकारात्मक बदलाव माना जा रहा है।