गत जून में अहमदाबाद अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर हुए भीषण विमान हादसे के मामले में, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) को नोटिस जारी किया है। यह हादसा, जिसमें पायलटों समेत 241 लोगों की जान चली गई थी, एक यात्री को छोड़कर, आज भी एक भयानक स्मृति बना हुआ है। हादसे का दोषी कौन है, यह सवाल अभी तक अनसुलझा है। यह याचिका हादसे के शिकार हुए एअर इंडिया विमान के पायलट इन कमांड, दिवंगत कैप्टन सुमित सभरवाल के पिता, पुष्करराज सभरवाल द्वारा दाखिल की गई थी। उनकी मांग है कि इस हादसे की रिटायर्ड जज की निगरानी में नए सिरे से निष्पक्ष और पारदर्शी जांच कराई जाए।
प्रारंभिक जांच पर सवाल: पायलटों को बलि का बकरा बनाने की कोशिश?
दिवंगत कैप्टन के पिता पुष्करराज सभरवाल ने अपनी याचिका में आरोप लगाया है कि इस हादसे की जो प्रारम्भिक जांच हुई है, वह निष्पक्ष नहीं रही है। याचिका में कहा गया है कि, इस जांच में तकनीकी खामियों को नजरअंदाज कर सारा दोष पायलटों पर मढ़ने की कोशिश की गई है, जो अब अपना बचाव भी नहीं कर सकते।" परिवार का मानना है कि इस दुर्घटना के पीछे विमान या एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) की तकनीकी खामियां हो सकती हैं, लेकिन जांच का सारा ध्यान अब दिवंगत पायलटों पर केंद्रित कर दिया गया है।
सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी: 'पायलटों को कोई दोषी नहीं ठहरा सकता'
मामले की सुनवाई के दौरान, सुप्रीम कोर्ट ने दिवंगत कैप्टन के पिता के प्रति संवेदनशीलता दिखाई। कोर्ट ने उनसे कहा कि उन्हें यह 'बड़ा बोझ' नहीं पालना चाहिए कि उनके बेटे को इस मामले में दोषी ठहराया जा रहा है।कोर्ट ने स्पष्ट टिप्पणी करते हुए कहा, "पायलटों को कोई दोषी नहीं ठहरा सकता। प्रारम्भिक जांच में ऐसा कोई निष्कर्ष नहीं निकाला गया है। विदेशी मीडिया में जो रिपोर्ट हुआ है, वो सही नहीं है।" सुप्रीम कोर्ट इस याचिका पर पहले से लंबित दूसरी याचिका के साथ आगे सुनवाई करेगा। इस मामले में अगली सुनवाई 10 नवंबर को होगी।
अहमदाबाद प्लेन क्रैश: एक भयानक त्रासदी
यह हादसा गत 12 जून को हुआ था, जब एअर इंडिया की फ्लाइट AI 171 ने अहमदाबाद एयरपोर्ट से लंदन जाने के लिए उड़ान भरी थी।
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रनवे से उड़ान भरने के कुछ ही सेकंड बाद प्लेन पास में स्थित एक मेडिकल कॉलेज पर क्रैश हो गया।
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हादसे में प्लेन में सवार 230 यात्री और 12 क्रू मेंबर समेत 241 लोगों की दुखद मौत हो गई थी, केवल एक यात्री बचा था।
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इसके अलावा, जहां प्लेन गिरा था, वहां मौजूद 29 लोग भी मारे गए थे।
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इस त्रासदी में एक बड़ा नाम गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी का भी था, जिनका निधन हादसे में हो गया था।
कैप्टन सभरवाल के पिता की याचिका और सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी नोटिस से अब उम्मीद जगी है कि इस भयानक हादसे की तह तक जाने के लिए एक नई और गहन जांच शुरू की जा सकती है।