जम्मू-कश्मीर के कटरा स्थित वैष्णो देवी धाम में बड़ा हादसा हुआ है। अर्धकुमार के पास हुए भीषण भूस्खलन (Landslide) में अब तक 31 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है, जबकि कई लोगों के अब भी मलबे में दबे होने की आशंका जताई जा रही है। प्रशासन और राहत दल घटनास्थल पर मौजूद हैं और रेस्क्यू ऑपरेशन युद्धस्तर पर जारी है।
यह हादसा ऐसे समय में हुआ जब श्रावण मास के अंतिम दिनों में वैष्णो देवी यात्रा पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु कटरा पहुंचे थे। हादसे की गंभीरता को देखते हुए यात्रा को अस्थायी रूप से स्थगित कर दिया गया है, और श्रद्धालुओं से इलाके को खाली करने की अपील की गई है।
कैसे हुआ हादसा?
हादसा 26 अगस्त 2025 की रात को उस समय हुआ जब लगातार हो रही भारी बारिश के कारण अर्धकुमार के पास पहाड़ दरक गया और भारी मात्रा में मलबा श्रद्धालुओं के विश्राम स्थलों और रास्ते पर आ गिरा। बारिश के चलते पहले ही क्षेत्र में भूस्खलन का खतरा जताया गया था, लेकिन इस स्तर की त्रासदी की किसी को उम्मीद नहीं थी।
मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका
रियासी जिले के SSP परमवीर सिंह ने पुष्टि करते हुए कहा कि अभी तक 31 लोगों के शव बरामद किए जा चुके हैं, लेकिन कई लोग अभी भी मलबे में दबे हो सकते हैं, जिससे मृतकों की संख्या और बढ़ सकती है। रेस्क्यू के लिए NDRF, SDRF और सेना की टीमें तैनात हैं। जगह-जगह से शवों को निकालने का कार्य तेजी से किया जा रहा है। कई घायलों को जम्मू के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है, जहां उनकी हालत गंभीर बनी हुई है।
श्रद्धालुओं में हड़कंप
हादसे के बाद पूरे कटरा क्षेत्र में अफरातफरी का माहौल है। जो श्रद्धालु दर्शन करके लौटने वाले थे, उन्हें पुलिस और स्थानीय प्रशासन की मदद से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। कई यात्रियों को कटरा बेस कैंप में रोका गया है, और यात्रा को अगले आदेश तक स्थगित कर दिया गया है।
मौसम विभाग की चेतावनी
मौसम विभाग ने पहले ही क्षेत्र में भारी बारिश की चेतावनी जारी की थी। अनुमान के मुताबिक, अगले 48 घंटे तक बारिश जारी रह सकती है। ऐसे में भूस्खलन की घटनाएं फिर हो सकती हैं। प्रशासन ने कटरा से भवन तक के मार्ग को बंद कर दिया है और सभी संबंधित विभागों को हाई अलर्ट पर रखा गया है।
सरकार की प्रतिक्रिया
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने घटना पर दुख व्यक्त करते हुए कहा, “यह एक अत्यंत दुखद घटना है। राहत और बचाव कार्य में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। मृतकों के परिजनों को हरसंभव सहायता दी जाएगी।” साथ ही केंद्र सरकार से भी NDRF की अतिरिक्त टीमें भेजी गई हैं।
निष्कर्ष
वैष्णो देवी धाम हिंदुओं की आस्था का एक प्रमुख केंद्र है, जहां हर साल लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते हैं। ऐसी प्राकृतिक आपदाएं कभी-कभी इस आस्था यात्रा को गहरे दुख में बदल देती हैं। इस त्रासदी ने एक बार फिर दिखा दिया है कि प्राकृतिक आपदाओं के प्रति तैयारी और सतर्कता कितनी जरूरी है।
सरकार और प्रशासन की चुनौती अब न केवल राहत पहुंचाने की है, बल्कि श्रद्धालुओं के मन में विश्वास बहाल करने की भी है कि मां वैष्णो देवी की यात्रा सुरक्षित है और रहेगी।