भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध एक बार फिर नाजुक दौर से गुजर रहे हैं। साल 2025 के मई महीने में दोनों देशों के बीच हुए सैन्य संघर्ष की यादें अभी धुंधली भी नहीं हुई थीं कि अमेरिकी थिंक टैंक काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस (CFR) की एक नई रिपोर्ट ने दुनिया भर में हलचल मचा दी है। अपनी हालिया रिपोर्ट 'कॉन्फ्लिक्ट्स टू वॉच इन 2026' में CFR ने दावा किया है कि अगले साल दोनों परमाणु संपन्न देशों के बीच एक पूर्ण युद्ध (Major War) छिड़ने की प्रबल संभावना है।
संघर्ष की पृष्ठभूमि: 'ऑपरेशन सिंदूर' और पहलगाम हमला
रिपोर्ट में 2025 के घटनाक्रमों को इस संभावित युद्ध का मुख्य कारण बताया गया है। 2025 में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हुए एक बड़े आतंकी हमले ने दोनों देशों को आमने-सामने खड़ा कर दिया था। इसके जवाब में भारत ने आतंकियों के खिलाफ 'ऑपरेशन सिंदूर' शुरू किया था। हालांकि, कुछ दिनों की भारी गोलाबारी के बाद सीजफायर हो गया था, लेकिन CFR का मानना है कि यह शांति केवल ऊपरी है।
CFR की रिपोर्ट के मुख्य बिंदु
अमेरिकी विदेश नीति के विशेषज्ञों, पूर्व राजनयिकों और सैन्य अधिकारियों के सर्वे पर आधारित इस रिपोर्ट में कुछ गंभीर चेतावनियां दी गई हैं:
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आतंकी गतिविधियां: कश्मीर में लगातार बढ़ रही आतंकी घुसपैठ और हालिया इनपुट (जिसमें 30 से अधिक आतंकियों के छिपे होने की बात कही गई है) भारत को फिर से बड़ी कार्रवाई के लिए मजबूर कर सकते हैं।
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अमेरिकी हितों पर असर: यदि भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध होता है, तो इसका सीधा प्रभाव अमेरिकी विदेश नीति और दक्षिण एशिया में उसके रणनीतिक हितों पर पड़ेगा।
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दोहरे मोर्चे पर पाकिस्तान: रिपोर्ट में केवल भारत ही नहीं, बल्कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच भी 2026 में सशस्त्र संघर्ष की संभावना जताई गई है।
पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा पर तनाव
पाकिस्तान केवल पूर्वी सीमा (भारत) पर ही नहीं, बल्कि अपनी पश्चिमी सीमा (अफगानिस्तान) पर भी घिरा हुआ है। अक्टूबर 2025 में अफगान तालिबान और आतंकियों द्वारा पाकिस्तानी चौकियों पर किए गए हमलों ने स्थिति को और बिगाड़ दिया है। इस झड़प में:
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लगभग 200 से अधिक तालिबान आतंकी मारे गए।
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पाकिस्तान के 23 सैनिक शहीद हुए। यह अस्थिरता पाकिस्तान की सेना को दो अलग-अलग मोर्चों पर उलझा रही है, जिससे क्षेत्र में युद्ध का खतरा और बढ़ गया है।
निष्कर्ष: क्या टाला जा सकता है युद्ध?
CFR की यह रिपोर्ट वैश्विक समुदाय के लिए एक 'वेक-अप कॉल' है। जम्मू-कश्मीर में अशांति और पाकिस्तान की आंतरिक अस्थिरता 2026 को दक्षिण एशिया के लिए एक चुनौतीपूर्ण वर्ष बना सकती है। हालांकि वर्तमान में सीजफायर जारी है, लेकिन सीमा पर बढ़ती गतिविधियां और खुफिया इनपुट किसी बड़ी अनहोनी की ओर इशारा कर रहे हैं।