रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच राजनयिक तनाव अब एक नए मोड़ पर पहुंच गया है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के आवास पर कथित ड्रोन हमलों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जताई गई चिंता पर यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। जेलेंस्की ने भारत पर 'दोहरा रवैया' अपनाने का आरोप लगाते हुए इस रुख को "भ्रमित करने वाला और बुरा" करार दिया है।
विवाद की शुरुआत: पुतिन के आवास पर कथित हमला
इस पूरे विवाद की जड़ 29 दिसंबर की वह घटना है, जिसमें रूस ने दावा किया था कि यूक्रेन ने 91 ड्रोनों के जरिए नोवगोरोड क्षेत्र में स्थित राष्ट्रपति पुतिन के आवास को निशाना बनाने की कोशिश की। रूस के इन दावों के बाद, 30 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर अपनी चिंता साझा की।
पीएम मोदी ने लिखा, "राष्ट्रपति पुतिन के आवास को निशाना बनाए जाने की खबरों से मैं बहुत चिंतित हूँ। शांति हासिल करने के लिए राजनयिक प्रयास ही सबसे अच्छा रास्ता हैं।" उन्होंने सभी पक्षों से ऐसे कदमों से बचने की अपील की जो शांति की कोशिशों को कमजोर कर सकते हैं।
जेलेंस्की का तीखा पलटवार
यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की ने एक ऑनलाइन प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारत और यूएई जैसे देशों के बयानों की आलोचना की। जेलेंस्की के बयान के मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं:
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हमले से इनकार: जेलेंस्की ने स्पष्ट किया कि यूक्रेन ने ऐसा कोई हमला नहीं किया है और रूस के आरोप बेबुनियाद हैं।
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दोहरे मापदंड का आरोप: उन्होंने कहा कि यह दुखद है कि भारत उन हमलों की निंदा कर रहा है जो कभी हुए ही नहीं, लेकिन रूस द्वारा यूक्रेनी बच्चों और नागरिकों पर किए जा रहे लगातार हमलों पर चुप है।
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भारत से निराशा: जेलेंस्की ने कहा, "ईमानदारी से कहूं तो, मुझे भारत या यूएई से हमारे लोगों की मौत पर ऐसी कोई निंदा सुनने को नहीं मिली।"
यूक्रेनी विदेश मंत्रालय का रुख
यूक्रेन के विदेश मंत्री एंड्री सिबिहा ने भी भारत, यूएई और पाकिस्तान के बयानों पर निराशा जताई। उन्होंने कहा कि रूस ने अब तक कथित ड्रोन हमले का कोई भी विश्वसनीय सबूत पेश नहीं किया है। सिबिहा के अनुसार, रूस इस तरह के झूठे आरोप लगाकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान भटकाने और यूक्रेन को बदनाम करने की कोशिश कर रहा है।
भारत की 'शांति' नीति और वैश्विक दबाव
भारत युद्ध की शुरुआत से ही "शांति और संवाद" के पक्ष में रहा है। पीएम मोदी ने पहले भी पुतिन से कहा था कि "यह युद्ध का युग नहीं है।" हालांकि, हालिया बयान में पुतिन के आवास की सुरक्षा पर चिंता जताने को यूक्रेन ने रूस के प्रति झुकाव के रूप में देखा है।
यूक्रेन का मानना है कि जब उसके शहरों पर मिसाइल हमले होते हैं या बच्चों के अस्पतालों को निशाना बनाया जाता है, तब वैश्विक शक्तियों को उतनी ही मुखरता से निंदा करनी चाहिए।