मुंबई, 01 अक्टूबर, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। भारतीय वायुसेना के लिए तेजस विमान बना रही हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) को चौथा इंजन मिल गया है। यह इंजन अमेरिकी कंपनी जनरल इलेक्ट्रिक ने सौंपा है। अब उम्मीद जताई जा रही है कि नवंबर तक वायुसेना को दो तेजस मार्क-1A फाइटर जेट सौंप दिए जाएंगे। फरवरी 2021 में सरकार ने HAL के साथ 83 तेजस मार्क-1A खरीदने के लिए 48,000 करोड़ रुपये का करार किया था, लेकिन इंजन की डिलीवरी में देरी के चलते HAL अब तक एक भी विमान सौंप नहीं पाया था। अनुमान है कि 2028 तक HAL सभी एयरक्राफ्ट्स वायुसेना को दे देगा। LCA मार्क-1A, तेजस का अपग्रेडेड वर्जन है जिसमें आधुनिक एवियॉनिक्स और रडार सिस्टम लगाए गए हैं। इस विमान के 65% से ज्यादा उपकरण भारत में ही बने हैं। तेजस हल्का और सिंगल इंजन वाला लड़ाकू विमान है जिसे HAL ने ADA और DRDO की मदद से विकसित किया है। यह हवा, पानी और जमीन तीनों जगह हमले करने में सक्षम है और कठिन परिस्थितियों में भी अपने लक्ष्य को भेद सकता है।
केंद्र सरकार ने हाल ही में HAL को 97 अतिरिक्त तेजस फाइटर जेट बनाने का ऑर्डर दिया है। 25 सितंबर को रक्षा मंत्रालय ने 62,370 करोड़ रुपये की इस डील को मंजूरी दी। मार्क-1A वायुसेना के मिग-21 बेड़े की जगह लेगा जिसे हाल ही में 62 साल की लंबी सेवा के बाद रिटायर किया गया। मिग-21 ने 1971 युद्ध, कारगिल और कई अहम मिशनों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। नए तेजस को पाकिस्तान सीमा के पास राजस्थान के बीकानेर स्थित नाल एयरबेस पर तैनात करने की योजना है। 97 नए तेजस विमानों में स्वदेशी सामग्री की मात्रा और बढ़ जाएगी। इनमें 64% से ज्यादा हिस्से भारत में बने होंगे और 67 नए स्वदेशी उपकरण शामिल किए जाएंगे। यह अपग्रेडेड फाइटर जेट न सिर्फ आत्मनिर्भर भारत की दिशा में बड़ा कदम है बल्कि वायुसेना की ताकत को भी कई गुना बढ़ा देगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी 25 नवंबर 2022 को बेंगलुरु में तेजस में उड़ान भरी थी। यह किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री की फाइटर जेट में पहली उड़ान थी। मोदी की इस उड़ान को भारत की स्वदेशी रक्षा क्षमताओं पर भरोसे के प्रतीक के रूप में देखा गया था।